Rewa News : अभय मिश्रा/मऊगंज। रीवा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (IG) गौरव राजपूत द्वारा चलाए जा रहे अभिनव अभियान “आईजी आपके द्वार” और “जन चौपाल” कार्यक्रम के तहत मऊगंज जिले के सुदूर और आदिवासी बहुल ग्राम जड़कुड़ में शनिवार को एक विशेष जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जड़कुड़ गांव जनपद पंचायत हनुमना के अंतर्गत आता है और अंचलवासी इसे अदवांचल क्षेत्र मानते हैं। इस आयोजन में रीवा आईजी स्वयं उपस्थित होकर न केवल ग्रामीणों से संवाद स्थापित किया, बल्कि उनकी समस्याएं भी सीधे सुनीं और तत्काल निराकरण के निर्देश दिए।

500 से अधिक ग्रामीणों ने उठाई आवाज़
जन चौपाल में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया। आईजी गौरव राजपूत ने खुले मंच से लोगों को भरोसा दिलाया कि पुलिस प्रशासन जनता की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और हर शिकायत को गंभीरता से सुना जाएगा।
आईजी गौरव राजपूत ने कहा, “हमारा दरवाजा आम जनता के लिए हर समय खुला है। कोई भी नागरिक अपनी शिकायत या समस्या लेकर बेहिचक पुलिस के पास आ सकता है।” कार्यक्रम के दौरान महिला समूहों, युवाओं, किसान संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी। कई मामलों में मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को निर्देश देकर समाधान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। मऊगंज सहित आस-पास के क्षेत्रों में बढ़ते मेडिकल नशे के कारोबार पर आईजी ने कड़ा रुख अपनाते हुए साफ कहा कि “कोरेक्स और अन्य प्रतिबंधित नशीली दवाओं के कारोबारियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।” उन्होंने आगे कहा कि युवाओं को नशे से बचाना पुलिस प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है और इसके लिए हर स्तर पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नशा मुक्ति की दिलाई शपथ
कार्यक्रम के अंत में आईजी गौरव राजपूत ने ग्रामीणों को नशा मुक्ति की सामूहिक शपथ भी दिलाई। उपस्थित लोगों ने हाथ उठाकर संकल्प लिया कि वे नशा नहीं करेंगे और न ही किसी को करने देंगे। यह पहल न केवल जनजागरूकता का उदाहरण बनी, बल्कि समाज में पुलिस की संवेदनशील और जनभागीदारी वाली भूमिका को भी रेखांकित करती है।
पुलिस-जनता के बीच की दूरी हो रही कम
समाजसेवियों, शिक्षकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, युवाओं और महिलाओं की विशेष उपस्थिति में हुए इस आयोजन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि पुलिस-प्रशासन यदि जमीनी स्तर पर जाकर लोगों से संवाद करे तो विश्वास का सेतु बन सकता है। “आईजी आपके द्वार” जैसा नवाचार न केवल समस्याओं के समाधान की दिशा में कारगर है, बल्कि यह पुलिसिंग के प्रति आमजन की धारणा को भी सकारात्मक रूप से बदल रहा है।
आईजी रीवा रेंज : – “पुलिस और जनता के बीच भरोसे की दीवार मजबूत हो, इसके लिए हम गांव-गांव जाकर संवाद कर रहे हैं। नशे के खिलाफ हम जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रहे हैं।”