Surguja: बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ क्षेत्र में वन्यजीव तस्करी के खिलाफ वन विभाग को बड़ी सफलता हाथ लगी है। अंबिकापुर रेंजर निखिल पैकरा के नेतृत्व में सरगुजा, सूरजपुर और बलरामपुर जिलों की संयुक्त वन विभाग टीम ने कार्रवाई करते हुए दो तस्करों को धर दबोचा है। इनके पास से 6 किलो पैंगोलिन की स्केल जब्त की गई है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करोड़ों रुपये बताई जा रही है। गिरफ्तार आरोपियों में लीलाराम कुजूर (36 वर्ष) कुसमी निवासी और लवंग साय (38 वर्ष) करूंधा निवासी शामिल हैं। प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि यह एक संगठित गिरोह का हिस्सा हैं, जिसमें कई अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। वन विभाग की टीमें अब गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी हैं।
Surguja: वन अधिकारियों के मुताबिक, पैंगोलिन दुनियाभर में सबसे ज्यादा तस्करी का शिकार होने वाला स्तनधारी जीव है। इसकी स्केल का इस्तेमाल पारंपरिक दवाओं और दुर्लभ कलात्मक वस्तुओं के निर्माण में होता है, जिससे इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारी मांग बनी हुई है। इसी कारण यह अवैध वन्यजीव व्यापार का एक बड़ा केंद्र बन चुका है। वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई सिर्फ शुरुआत है। आने वाले दिनों में इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों पर भी कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत तस्करों को कठोर सजा दिलाने की दिशा में विभाग तेजी से काम कर रहा है। यह कार्रवाई एक बार फिर यह दर्शाती है कि वन विभाग अब वन्यजीव तस्करों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहा है।