नई दिल्ली : 8th Pay Commission : केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है। 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर केंद्र सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। यदि इसे तय समय पर लागू किया जाता है, तो जनवरी 2026 से लगभग 1.1 करोड़ सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 30% से 34% तक वेतन और पेंशन वृद्धि का सीधा लाभ मिल सकता है।
8th Pay Commission : 7वें वेतन आयोग से बेहतर होगा 8वां वेतन आयोग
2016 में लागू किए गए 7वें वेतन आयोग में कुल 14% की वेतन वृद्धि हुई थी, जिसे कई कर्मचारियों ने निराशाजनक माना था। हालाँकि, इस बार सरकार की स्पष्ट मंशा है कि वह सरकारी वेतन को निजी क्षेत्र के मुकाबले बेहतर और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाए।
फिटमेंट फैक्टर से तय होगी नई सैलरी
वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। यह एक ऐसा मापदंड है जिससे मूल वेतन (बेसिक पे) को गुणा करके नया वेतन निर्धारित किया जाता है।
- 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिससे बेसिक वेतन ₹7,000 से ₹18,000 तक बढ़ा था।
- 8वें वेतन आयोग में यह फैक्टर अनुमानित रूप से 1.83 से 2.46 तक हो सकता है, जिससे कर्मचारियों की सैलरी में एक बड़ी छलांग लगने की संभावना है।
68 लाख पेंशनभोगियों को भी मिलेगा लाभ
इस आयोग के तहत 68 लाख पेंशनभोगियों को भी डीए और बेसिक वेतन के आधार पर पेंशन में वृद्धि मिलेगी। हालाँकि, उन्हें एचआरए (HRA) और टीए (TA) जैसे भत्ते नहीं मिलते। लेकिन, अप्रैल 2025 से लागू हुई एकीकृत पेंशन योजना (Unified Pension Scheme) के तहत, कम से कम 50% बेसिक सैलरी की गारंटी तय की गई है।
देरी की आशंका और चुनौतियाँ
हालांकि 8वें वेतन आयोग की घोषणा हो चुकी है, लेकिन अभी तक न तो चेयरमैन, न सदस्य और न ही इसकी नियम और शर्तें (Terms of Reference – ToR) घोषित की गई हैं। इससे यह आशंका बढ़ गई है कि आयोग की रिपोर्ट में देरी हो सकती है, और वेतन वृद्धि 2026 की बजाय 2027 में लागू हो सकती है।
सरकार के सामने राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने और चुनावी वादों व लोक-कल्याणकारी योजनाओं को भी संतुलित करने की चुनौती है। ऐसे में, भले ही कर्मचारियों को राहत की उम्मीद हो, लेकिन अंतिम फैसला इन सभी पहलुओं पर निर्भर करेगा।