Chhindwara News: छिंदवाड़ा। वन विभाग के तीनों डिवीजन में इन दिनों वन्यजीव सीमा सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत वन विभाग कई महत्वपूर्ण कार्य करते है। जिसमे मुख्य रूप से मुनारों का सत्यापन कराना भी एक महत्वपूर्ण कार्य है। जिसके तहत वन भूमि पर अतिक्रमण होंने के बाद उक्त भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने का कार्य भी किया जाता है । इसी क्रम में मंगलवार को झिरपा रेंज के अनहोनी बिट में वन विभाग की टीम मुनारो का सत्यापन करने पहुंची थी ।
Chhindwara News: जिसका उद्देश्य वन भूमि पर अतिक्रमण को मुक्त कराना होता है। जैसे ही वन विभाग की टीम ने मुनारो का कार्य शुरू किया। इसी दौरान स्थानीय ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम को अतिक्रमण न हटाने को लेकर हंगामा करने लगे। विवाद इस कदर बढ़ गया कि वन विभाग द्वारा बुलाई गई जेसीबी के सामने एक आक्रोशित महिला जमकर बबाल करते हुए उसके ही सामने लेट गई है। क़रीब एक घण्टे तक चले हंगामा के बाद वन विभाग ने थोड़ा अतिक्रमण हटाकर वापिस चल गए । स्थानीय लोगों का कहना है कि यह उक्त भूमि हमारी है हम यहां कई वर्षों से खेती करते हुए आ रहे है। लेकिन आज एकाएक वन विभाग की टीम जेसीबी लेकर हमारे खेत मे आ गई। और जबरन ही अतिक्रमण हटाने को लेकर ग्रामीणों से उलझने लगे।
Chhindwara News: ग्रामीण बोले 50 वर्षो से करते आ रहे खेती
Chhindwara News: किसान रंमजू उइके ने बताया कि हम ग्रामीण करीब 50 वर्षो से इस क्षेत्र में खेती करते आ रहे है। यह भूमि पर हमारा अधिकार है। लेकिन आज एकाएक वन विभाग की टीम जेसीबी लेकर पहुंची और हमारे खेत मे जेसीबी चलाने लगी जबकि हम लोग खेत मे बोनी की तैयारी कर रहे थे। यही खेती हमारी आय का स्रोत है। जिससे हमारा पालन पोषण होता है । लेकिन वन विभाग अमला उक्त भूमि पर अतिक्रमण होना बताकर कार्यवाही कर रहे है। यदि हमारी सुनवाई नही होती है तो हम आगे और उग्र प्रदर्शन करेंगे।
Chhindwara News: जब अधिकार क्षेत्र पट्टा नहीं तो भूमि वन विभाग की
Chhindwara News: वही इस मामले में वन विभाग के अधिकारियों का कहना है 14 जून से 22 जून तक वन जीव सीमा सुरक्षा का कार्य किया जा रहा है। जिसका मुख्य उद्देश्य वन विभाग की जमीनों का सीमांकन और सीमा सुरक्षा का कार्य होता है । और जंगलो की जमीन पर अतिक्रमण को मुक्त कराना होता है। इसी क्रम में मंगलवार को वन विभाग की टीम वन भूमि में अतिक्रमण को मुक्त कराने पहुंची थी । तो ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया। जब ग्रामीणों के पास अधिकार क्षेत्र पट्टा नही है तो यह भूमि उनकी कैसे हो सकती है। अधिकार क्षेत्र पट्टा नही होने पर यह भूमि पर सिर्फ वन विभाग का अधिकार होता है।