Tejas Mark-1A : नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को एक विशेष रक्षा तकनीक सौंपी है। अमेरिका की जानी-मानी एयरोस्पेस कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (General Electric) ने भारत को GE-404 फाइटर जेट इंजन की दूसरी खेप सौंप दी है। यह इंजन भारत के तेजस मार्क-1ए (Tejas Mark-1A ) हल्के लड़ाकू विमान कार्यक्रम के लिए बेहद अहम है।
GE-404 इंजन क्या है?
GE F404-IN20 इंजन एक एडवांस टर्बोफैन इंजन है जिसका उपयोग मुख्य रूप से हल्के कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) में किया जाता है। यह इंजन भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के लिए उपयुक्त है और इसकी थ्रस्ट कैपेसिटी करीब 8,500 किलो न्यूटन है।
12 इंजनों की आपूर्ति होगी इस वित्तीय वर्ष में
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, Hindustan Aeronautics Limited (HAL) को इस वित्तीय वर्ष के भीतर 12 GE-404 इंजन की आपूर्ति मिलने की उम्मीद है। इन इंजनों का उपयोग 83 Tejas Mark-1A फाइटर जेट्स में किया जाएगा, जिसके लिए भारत ने पहले ही ऑर्डर दिया है।
भारत-अमेरिका रक्षा डील का हिस्सा है यह डिलीवरी
भारत ने जनरल इलेक्ट्रिक के साथ 761 मिलियन डॉलर का रक्षा सौदा किया है। इस डील के तहत अमेरिका मार्च 2026 से हर महीने दो इंजन भारत को सप्लाई करेगा। भारत के रक्षा सचिव राजेश सिंह ने बताया कि GE की सप्लाई लाइन दोबारा सक्रिय हो चुकी है और यह डील आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में बड़ा कदम है।
पाकिस्तान के लिए बढ़ेगी चिंता
विशेषज्ञों का मानना है कि तेजस लड़ाकू विमान की संख्या में बढ़ोतरी से भारतीय वायुसेना की शक्ति में भारी इजाफा होगा। इससे पड़ोसी देश पाकिस्तान के लिए रणनीतिक संतुलन बनाए रखना कठिन हो सकता है।
भारतीय वायुसेना के पास पहले से हैं उन्नत फाइटर जेट
भारतीय वायुसेना वर्तमान में जिन लड़ाकू विमानों का संचालन कर रही है, उनमें शामिल हैं:
- राफेल (Rafale)
- सुखोई Su-30 MKI
- तेजस (Tejas)
- मिग-29, मिराज-2000, जगुआर, और मिग-21
इनमें से तेजस एकमात्र स्वदेशी जेट है, जो अब GE इंजन के साथ और अधिक शक्तिशाली बन जाएगा।