SP’s fake ID : बलौदाबाजार, छत्तीसगढ़ | 14 जुलाई 2025 – छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले से एक चौंकाने वाला साइबर ठगी मामला सामने आया है। पुलिस विभाग में पदस्थ आरक्षक हेमंत नायक ने जिले की एसपी भावना गुप्ता की फर्जी ईमेल ID बनाकर ढाई करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर डाली। मामले के सामने आते ही आरोपी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है और उसके खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
कैसे हुआ खुलासा?
3 जुलाई 2024 को एक शिकायत सामने आई जिसमें बताया गया कि आरक्षक हेमंत नायक ने बलौदाबाजार-भाटापारा में पदस्थ रहते हुए बैंक खातों को फ्रीज-डीफ्रीज कराने के नाम पर लोगों से पैसे वसूले। प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए गए। इसके बाद एसपी भावना गुप्ता ने कोतवाली थाने को आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए।
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एसपी की फर्जी ईमेल ID बनाकर की ठगी
जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी ने एसपी की फर्जी ईमेल ID बनाकर उसे बैंकों और व्यवसायियों को धमकाने के लिए इस्तेमाल किया। वह बैंक खातों को फ्रीज करने का आदेश भेजता और फिर उन्हीं खातों को अनफ्रीज करने के नाम पर भारी रकम की वसूली करता था।
ढाई करोड़ रुपये की ठगी
सूत्रों के अनुसार हेमंत नायक अब तक करीब ₹2.5 करोड़ की अवैध वसूली कर चुका है। वह पूर्व में साइबर सेल में तैनात था और टेक्निकल स्किल्स का दुरुपयोग कर रहा था। संदेह है कि इस पूरे घोटाले में और भी लोग शामिल हो सकते हैं। जांच जारी है।
आरोपी के खिलाफ दर्ज हुआ मामला
थाना सिटी कोतवाली में अपराध क्रमांक 670/2025 दर्ज किया गया है। आरोपी पर IPC की धाराएं 166, 419, 409, 384 और IT एक्ट की धाराएं 66C, 66D लगाई गई हैं। पूछताछ में उसने अपराध स्वीकार कर लिया है। उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
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सेवा से तत्काल बर्खास्त
अनुशासनहीनता और आपराधिक गतिविधियों में शामिल पाए जाने पर पुलिस प्रशासन ने हेमंत नायक को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया है।
प्रशासन का सख्त संदेश
एसपी भावना गुप्ता ने स्पष्ट किया कि “मामला गंभीर है। जांच जारी है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।”
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जांच के मुख्य बिंदु:
- ठगी का पूरा नेटवर्क क्या है?
- क्या आरोपी अकेला था या इसमें और लोग भी शामिल हैं?
- ठगी की असल रकम कितनी है?
बलौदाबाजार की साइबर सेल इस घोटाले की परतें खोलने में जुटी हुई है। यह मामला छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग की आंतरिक पारदर्शिता और साइबर निगरानी पर सवाल उठाता है।