भोपाल। केंद्र सरकार के ‘घर-घर सिंदूर’ अभियान की घोषणा के साथ ही देश की राजनीति में नया सियासी घमासान छिड़ गया है। जहां भारतीय जनता पार्टी इसे ‘नारी सम्मान’ से जोड़ रही है, वहीं कांग्रेस ने इस अभियान पर तीखा प्रहार किया है। कांग्रेस नेताओं ने सवाल खड़े किए हैं कि सिंदूर जैसे निजी प्रतीक को राजनीतिक हथियार बनाकर BJP महिलाओं की भावनाओं से खेल रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि किसी महिला की मांग भरने का अधिकार सिर्फ उसके पति को होता है, किसी राजनीतिक पार्टी को नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी इस अभियान के जरिए धार्मिक प्रतीकों का राजनीतिक लाभ उठाना चाहती है।
इधर कांग्रेस की प्रवक्ता डॉ. रागिनी नायक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए पूछा, “क्या सिंदूर बांटने के पहले BJP उन आतंकी हमलों पर जवाब देगी जिनमें सैनिकों की शहादत हुई और उनकी पत्नियां विधवा हो गईं?” उन्होंने यह भी कहा कि “सरकारी सिंदूर की डिब्बी” पर अगर प्रधानमंत्री की तस्वीर छपी होगी तो यह न केवल हास्यास्पद बल्कि आस्थाओं का भी अपमान होगा।
रागिनी नायक ने भाजपा और आरएसएस नेताओं पर महिलाओं के खिलाफ की गई विवादित टिप्पणियों को लेकर भी सवाल दागे और कहा कि जब तक ऐसे नेताओं पर कार्रवाई नहीं होती, BJP को ‘नारी सम्मान’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने का नैतिक अधिकार नहीं।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार 9 जून से ‘घर-घर सिंदूर’ अभियान की शुरुआत करने वाली है, जिसके तहत देशभर की महिलाओं को उपहार स्वरूप सिंदूर दिया जाएगा। सरकार का दावा है कि यह ऑपरेशन सिंदूर नारीशक्ति के सम्मान और सांस्कृतिक मूल्यों के प्रचार का प्रतीक है।
हालांकि विपक्ष इसे सीधे-सीधे चुनावी स्टंट और महिला भावनाओं के राजनीतिक उपयोग की कोशिश मान रहा है। ऐसे में आने वाले चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह “सिंदूर” कितना असर दिखा पाता है – चुनावी रंग में, या फिर सियासी संग्राम में।