Marathi vs Hindi controversy : मुंबई। महाराष्ट्र में एक बार फिर भाषाई राजनीति ने जोर पकड़ लिया है। मराठी बनाम हिंदी विवाद को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे के बीच जुबानी जंग ने उग्र रूप ले लिया है। पिछले सप्ताह निशिकांत दुबे ने एक सभा में भाषण के दौरान कहा था:
“जो लोग हिंदी भाषियों को पीटते हैं, उन्हें पटक-पटक के मारेंगे।”
इस पर राज ठाकरे ने शुक्रवार को एक मराठी सभा को संबोधित करते हुए हिंदी में जवाब दिया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है:
“आप मुंबई आइए, समुंदर में डुबो-डुबो कर मारेंगे!”
जवाब में व्यंग्य, सोशल मीडिया पर उबाल
BJP सांसद निशिकांत दुबे ने राज ठाकरे के बयान का वीडियो X (पूर्व Twitter) पर साझा करते हुए चुटकी ली: “मैंने राज ठाकरे को हिंदी सिखा दी?”
इस पोस्ट ने तुरंत सोशल मीडिया पर ट्रेंड पकड़ लिया। कुछ लोगों ने इसे हास्यास्पद बताया, तो कुछ ने इसे भाषाई द्वेष की राजनीति करार दिया।
राज ठाकरे का आरोप: “मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की साजिश”
सभा के दौरान ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार और केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा:
“अमराठी क्षेत्रों से विधायक चुनकर, धीरे-धीरे मुंबई को गुजरात में मिलाने की कोशिश हो रही है। यह षड्यंत्र नया नहीं है।”
ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दिल्ली के इशारे पर यह सब कर रहे हैं और महाराष्ट्र की संस्कृति, भाषा और अस्मिता पर हमला किया जा रहा है।
Read More : Entertainment Desk : बेटी की पहली तस्वीर लीक? सलमान संग फोटो देख लोग बोले – क्या ये असली है…
पृष्ठभूमि: स्कूलों में तीसरी भाषा को लेकर विवाद
यह विवाद तब शुरू हुआ जब महाराष्ट्र सरकार ने प्राथमिक स्कूलों में तीसरी भाषा के रूप में हिंदी को अनिवार्य करने का प्रस्ताव रखा। ठाकरे और शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मिलकर इसका विरोध किया। हालांकि, सरकार ने बाद में आदेश वापस ले लिया।
राजनीतिक विश्लेषण: चुनावी मोर्चेबंदी की शुरुआत?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ठाकरे का तीखा बयान 2026 के लोकसभा चुनावों की तैयारी का संकेत है। “मराठी अस्मिता” को केंद्र में लाकर मनसे भाजपा विरोधियों को एकजुट करना चाहती है।
जनता की राय
मुंबई निवासी प्रशांत पाटिल कहते हैं:
“नेताओं को मराठी या हिंदी की चिंता कम, कुर्सी की ज्यादा है। आम जनता को रोज़गार और विकास चाहिए।”