जगदलपुर। Jagdalpur News : बस्तर की आस्था का केंद्र दंतेश्वरी माता मंदिर एक बार फिर श्रद्धालुओं की भक्ति और विश्वास से भर गया। पांच महीने बाद सोमवार को जब माता की दानपेटी खोली गई तो सिर्फ नगदी और चांदी-सोने की नहीं, बल्कि भावनाओं और मन्नतों की भी गिनती हुई। भक्तों ने जहां 11 लाख 18 हजार 194 रुपए का दान दिया, वहीं दर्जनों पत्रों में उन्होंने अपने दिल की मुरादें भी माता तक पहुंचाई।
Jagdalpur News : दानपेटी से मिले इन पत्रों में किसी ने अपनी प्रेम कहानी के सुखद अंत की प्रार्थना की थी – “माता, मेरी गर्लफ्रेंड से शादी करा दो”, तो किसी ने लिखा – “NMDC में नौकरी दिला दो, माई!”। वहीं कई पत्रों में अपने परिवार के लिए सुख-शांति, बीमारी से मुक्ति और संतान प्राप्ति की कामनाएं की गई थीं।
सोना-चांदी भी चढ़ा, अब बनते हैं सिक्के
मंदिर में चढ़े चांदी के दान से अब खास सिक्के भी बनाए जा रहे हैं, जो श्रद्धालुओं को प्रसाद रूप में दिए जाते हैं। यह मंदिर सिर्फ आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि एक सुव्यवस्थित धार्मिक व्यवस्था का उदाहरण भी बन गया है, जहां दान का उपयोग मंदिर के रख-रखाव, फागुन मेले और सामाजिक कार्यों के लिए किया जाता है।
नवरात्र में टूटता है रिकॉर्ड, आता है करोड़ों का चढ़ावा
हर साल शारदीय नवरात्रि में देश-विदेश से लाखों भक्त यहां पहुंचते हैं। उस समय दानपेटी में 1 करोड़ से अधिक की राशि एकत्र हो जाती है। ज्योति कलशों की संख्या भी हजारों तक पहुंचती है। फरवरी माह में पिछली बार जब दानपेटी खोली गई थी, तब 19 लाख 23 हजार 723 रुपए प्राप्त हुए थे।
भव्यता बढ़ी, तो श्रद्धा भी बढ़ी
दंतेश्वरी माता मंदिर का हाल के वर्षों में सौंदर्यीकरण किया गया है, जिससे मंदिर अब पहले से अधिक भव्य और व्यवस्थित दिखता है। इसी के साथ भक्तों की संख्या भी बढ़ी है और दान की राशि में लगातार वृद्धि देखी जा रही है।
यह दानपेटी केवल पैसे और जेवर नहीं, भावनाओं, आस्था और उम्मीदों से भरी है – एक ऐसा मौन संवाद, जिसमें हर भक्त अपनी जिंदगी की कोई ना कोई चाह ‘माई’ के चरणों में रख आता है।