CG NEWS : रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का आज का दिन बेहद हंगामेदार रहा। विपक्षी विधायकों के विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी ने न सिर्फ प्रश्नकाल बाधित किया, बल्कि विधानसभा की गरिमा पर भी सवाल खड़े कर दिए। इस पूरे घटनाक्रम पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और विपक्ष के व्यवहार को “संसदीय परंपरा को ठेस पहुंचाने वाला” बताया।
क्या हुआ सदन में?
गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दल ने राज्य में खाद संकट को लेकर जोरदार हंगामा शुरू कर दिया। विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए विधानसभा के वेल (गर्भगृह) में पहुंच गए, जिसे नियमों का सीधा उल्लंघन माना गया। इस हंगामे के कारण प्रश्नकाल की प्रक्रिया बाधित हो गई।
स्पीकर डॉ. रमन सिंह की तीखी प्रतिक्रिया
डॉ. रमन सिंह ने इस व्यवहार को बेहद दुखद बताते हुए कहा:
“आज का दिन हमारी छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए संसदीय परंपरा को ठेस पहुंचाने वाला रहा है।”
उन्होंने आगे कहा कि एक तरफ हम विधानसभा के रजत जयंती वर्ष में इसके गौरवशाली इतिहास और गरिमा की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्षी विधायकों ने नियमावली की धज्जियां उड़ाई और गंभीर संसदीय उल्लंघन किया।
स्पीकर ने यह भी कहा कि उन्हें दुख के साथ प्रश्नकाल स्थगित करना पड़ा, जबकि प्रश्नकाल जनता के मुद्दों से जुड़ा होता है। उन्होंने विपक्ष के इस कृत्य को “जनता के सवालों की अनदेखी” करार दिया।
विपक्ष के विधायकों पर कार्रवाई
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने बार-बार विपक्षी विधायकों से शांत रहने और नियमों का पालन करने का अनुरोध किया, लेकिन वे नहीं माने और वेल में जाकर नारेबाजी करते रहे। इसके चलते स्पीकर ने पूरे दिन की कार्यवाही से विपक्षी विधायकों को निलंबित कर दिया।
“आज जो कुछ हुआ, वह छत्तीसगढ़ विधानसभा के 25 साल के इतिहास में कभी नहीं हुआ।” — डॉ. रमन सिंह, विधानसभा अध्यक्ष